शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					गुणीभूत व्यंग्य					 :
				 | 
				
					पुं० [कर्म० स०] काव्य में व्यंग्य का वह भेद या प्रकार जिसमें अर्थ या तो रसों आदि का अंग होता है या काकु से आक्षिप्त या वाच्यार्थ का उपपादक होता है अथवा अर्थ अस्फुट रहता है। इसमें वाच्यार्थ ही प्रधान रहता है, व्यंग्य नहीं।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |